संसार में वह व्यक्ति या कहें कोई भी जीव मौजूद नहीं जो अपने मेहनत को सफल होते हुए न देखना चाहता हो, हालांकि यह कहावत प्राचीन काल से प्रसिद्ध है “मेहनत कर, फल की चिंता मत कर” । परन्तु व्यक्ति की दिमाग की उपज में सफलता देखना भी मन होता है और कई व्यक्तियों का यह भी मानना है कि वह सफलता को देखना चाहते हैं इसीलिए मेहनत करते हैं । सफलता का अर्थ हर व्यक्ति के लिए भिन्न हैं कइयों के लिए यह धन के रूप में होती है, तो कई इस फल को नाम होने के लिए इस्तेमाल में लाते हैं । परन्तु समाज मे हर कोई सफल नहीं हो सकता और न ही कोई असफल । वह कहते हैं न कि जीवन एक खेल है जहाँ व्यक्ति या तो सफल होता है या सीखता है परन्तु हारता कोई नही । व्यक्ति हर बार अपने कार्य में सफल नहीं हो सकता, इसका अर्थ यह नहीं कि उसने मेहनत नहीं कि अपितु इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि उसे स्वयं पर भरोसा नहीं हो । जानते है आत्मविश्वास के बारे में ।
आत्मविश्वास की परिभाषा
आत्मविश्वास का शाब्दिक अर्थ स्वयं पर विश्वास करने से है, वह व्यक्ति जिसे खुद पर पूर्ण भरोसा है, उसे संसार में कोई भी व्यक्ति नहीं हरा सकता । स्वंय पर विश्वास यानी स्वयं पर जीत हासिल करना । अगर व्यक्ति खुद से जीत गया तो उसे किसी होर को हराने की आवश्यकता नहीं । परन्तु कई बार व्यक्ति अपने आत्मविश्वास को खो बैठता है ऐसा ओसीलिए क्योंकि यह युग सोशल मीडिया से घिरा हुआ है,जहां व्यक्ति की तारीफ और बेज्जती दोनों ऑनलाइन होती जा रही हैं जिससे व्यक्ति एक पल में अति आत्मविश्वास हो जाता है तो दूसरे पल में ही स्वंय पर शक करने लग जाता है ।
रणनीतियां जो आपको आत्मविश्वास होने में सहायता करें
- दूसरों से तुलना बंद करें:- संसार में उपस्थित हर मनुष्य भिन्न हैं हालांकि सभी की पास वही मानवीय शक्तियों का भंडार है , परन्तु सभी इंसानों की ताकत और समझ का आकार भिन्न हैं तभी हर व्यक्ति हर विषय में अव्वल नहीं है । सभी के सोच भिन्न होने के कारण हर व्यक्ति के मेहनत करने का ढंग भी अलग है ।
- नकारात्मकता को मारें, सकारात्मकता को बढ़ावा दें :- यदि आपकी आंतरिक आवाज़ निराशावादी और अस्वस्थ है, तो इसे सकारात्मकता के शब्दों के साथ बंद करें। बदलें ‘मैं यह नहीं कर सकता’ क्यों नहीं के साथ? मैं सफल हो सकता हूँ अगर मैं इसे ‘अपने जीवन में सकारात्मक व्यवहार को सुदृढ़ करने के लिए कोशिश करता हूँ।
- अपनी मानसिक तस्वीर बदलें:- व्यक्ति के दुसरो के समक्ष कैसे छवि है उससे पहले व्यक्ति को स्वयं के भीतर की छवि सुधारनी होगी अर्थात आपको जो कार्य पूर्ण अच्छे से आता हो उस कला में आपको स्वंय पर यह विश्वास होना चाहिए कि वह यह कार्य निभा सकता है , ताकि दूसरे भी उस पर विश्वास कर सकें ।
- ज्ञान से खुद को सशक्त बनाएं:- अनुसंधान, अध्ययन, अभ्यास और खुद को शिक्षित करें – यह योग्यता का निर्माण करता है। इंटरनेट का उपयोग करें, किसी अनुभवी से बात करें, तैयार होने के लिए पत्रिकाएं और किताबें पढ़ें।
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What a material of un-ambiguity and preserveness of precious experience regarding
unpredicted feelings.