खुशी यह व्यक्ति में उत्पन्न होती अवस्था है । जिसमें व्यक्ति अपने जीवन जीने का कारण तलाशने लगता है । कई अपने खुश रहने का कारण अपने कार्य को मानता है तो कई अपने माता पिता अपने जीवन-साथी में खुश रहने की वजह तलाशते हैं । परन्तु हर व्यक्ति अपने आप में खुश रह सकता है । सोच रहें होंगे कैसे ? आइए जानते हैं ।
कहाँ होते है खुश
खुश यह कोई वस्तु नहीं जिसका कोई मूल्य दे के आप ख़रीद सके । खुश रहने के हर गुण व्यक्ति के भीतर ही हृदय में कहीं छिपा हुआ होता है । परन्तु व्यक्ति को उसकी तलाश स्वंय अपने बल पर करना होता है । उसे हर वह वजह की तलाश करनी चाहिए जिससे वह खुश रहता हो । वह कार्य करें जिसके कारण मुख पर मुस्कान तथा दिल में सन्तुष्टि का आभास होता हो । दूसरों में खुश रहने की कल्पना मात्र आपको नर मृग समान बना देती है जो कस्तूरी की सुगंध सूंघता है, उसे ढूंढने का प्रयास करता है , परन्तु ज्ञान न होने के कारण यह भूल जाता है कि कस्तूरी उसी के भीतर मौजूद है, जिसकी खुश-बू उसे कस्तूरी के होने का एहसास कराती है ।
क्यों है खुश रहने की जरूरत
यह प्रश्न कई व्यक्तियों के मन मे उत्पन्न होता है । खुश रहने की जरूरत होने का महत्व क्या होता है यह आप शिशु की मुस्कुराहट को देख कर समझ सकते हैं । या अपने आप मे भी समझ सकते हैं । उदाहरण से समझें तो खुश व्यक्ति अपनी मुस्कुराहट से अन्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है । आपको खुद से बेहतर नहीं जानता। आप उन विकल्पों के लिए जिम्मेदार हैं जो आपको खुश या दुखी कर सकते हैं। अकेले समय बिताने से आपको पता चलता है कि आपको कहाँ खुशी मिलती है। जिस क्षण आप इसे खोज लेंगे, आपको अपने जीवन का एक उद्देश्य मिल जाएगा। यह खुशी के सफर की एक शुरुआत है।
अत्यधिक दौलत नहीं, खुश होने का कारण
अमूमन लोगों में यह गलत धारणा है कि जिस व्यक्ति के पास अत्यधिक मात्रा में दौलत मौजूद है तो वह खुश है । परन्तु ऐसा सच नहीं हालांकि यह मान्य योग्य बात है कि धन से मनुष्य हर चीज प्राप्त कर सकता है परन्तु खुश होना नहीं । उदाहरण दिया जाए तो मैं आपको अपने पेशेवर परिचितों में से एक 27 वर्षीय महिला फिजा की कहानी बताता हूं। उसने एक कॉर्पोरेट वकील के रूप में काम किया और एक जीवंत जीवन व्यतीत किया। वह एक आलीशान बंगले के मालिक थे, एक लक्जरी सेडान चलाई, विदेशी स्थलों पर छुट्टियाँ मनाई और जो कुछ भी वह चाहते थे ख़रीद सकते थे। जबकि सभी को लगा कि वह सबसे खुश व्यक्ति है, वह वास्तव में नहीं था। एक दिन, हर किसी को आश्चर्यचकित करते हुए, उसने अपने उच्च-उड़ान कैरियर को छोड़ दिया और एक नृत्य अकादमी खोली। बाद में, उसने मुझे बताया कि वह हमेशा एक नर्तकी होने का सपना देखती थी। आज, वह अपने जुनून का पीछा करते हुए और नृत्य सबक देते हुए बहुत खुश है। वास्तव में, वह एक बच्चों के एनजीओ के लिए मुफ्त नृत्य कक्षाएं भी करती हैं।
यह दास्तां आपको खुश रहने के सही मायने बताती है, सिर्फ धन होना खुश होने की वजह नहीं । इंसान को अपनी पसंद की तलाश करनी जिससे वह अपने आपको निहार सके और सदा खुश रहे ।
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